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गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद में एक दशक में सबसे कम वोटिंग, क्या है वजह

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान के तहत कल गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद में वोट डाले गए। हालांकि इस दौरान वोटिंग प्रतिशत काफी कम दर्ज किया गया है। चुनाव आयोग की तरफ से जारी कि गए आंकड़ों के मुताबिक गौतम बुद्ध नगर सीट पर 53.21 फीसदी मतदान दर्ज हुआ है जबकि गाजियाबाद सीट पर 49.65 फीसदी वोटिंग दर्ज की गई है।

साल 2019 में गौतम बुद्ध नगर में 60.47 फीसदी वोटिंग हुई थी और 2014 में 60.38 फीसदी वोटिंग दर्ज की गई थी। वहीं गाजियाबाद में ये आंकड़ा साल 2019 में 55.86% और 2014 में 56.94% था। ऐसे में ये साफ है कि इन दोनों सीटों पर पिछले एक दशक में इस बार सबसे कम वोटिंग हुई है।

गौतम़बुद्ध नगर में 15 उम्मीदवार मैदान में थे - भारतीय जनता पार्टी की ओर से मौजूदा सांसद डॉ. महेश शर्मा, समाजवादी पार्टी (सपा) की ओर से डॉ. महेंद्र नागर चुनावी मैदान में है। जबकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने राजेंद्र सोलंकी को उम्मीदवारक बनाया है। । वहीं गाजियाबाद में 14 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा, जिनमें गाजियाबाद के विधायक अतुल गर्ग, जिन्हें भाजपा ने मैदान में उतारा था, कांग्रेस से डॉली शर्मा और बसपा के नंदकिशोर पुंढीर शामिल थे। इस बार दोनों सीटों पर कम वोटिंग होने की बड़ी वजह शहरी मतदाता बताए जा रहे हैं। जानकारी के मुताबिक शहरी मतदाताओं ने इन दोनों सीटों पर अपेक्षा से कम मतदान किया जिसका असर वोटिंग प्रतिशत पर देखा गया।

बीजेपी से नाराज शहरी मतदाता?

अलग-अलग पार्टी के नेताओं का मानना है कि कम वोटिंग प्रतिशत का असर उम्मीदवारों की जीत पर पड़ सकता है। माना जा रहा है कि सबसे ज्यादा असर बीजेपी उम्मीदवार महेश शर्मा पर पड़ सकता है क्योंकि शहरी क्षेत्रों में उनका दबदबा ज्यादा है। राजनीतिक विश्लेषक अतुल ठाकुर ने बताया कि “2024 में कम मतदान के दो कारण हैं। पहला टिकट वितरण को लेकर राजपूत समुदाय का गुस्सा और शहरी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे से संबंधित कई मुद्दे जो पिछले दस से अनसुलझे हैं।
बीएसपी और एसपी नेताओं का भी यही मानना है कि कम वोटिंग का मतलब यही है कि लोग राज्य और केंद्र में बीजेपी सरकार के खिलाफ हैं। बसपा के मेरठ मंडल के समन्वयक लखमी सिंह ने कहा, “भाजपा को पहले चुनावों में दादरी और नोएडा से सबसे अधिक वोट मिले थे, और अगर इस बार मतदान कम है, तो इसका मतलब है कि उन भाजपा समर्थकों को अब शासन पर भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा, जेवर, खुर्जा और सिकंदराबाद के ग्रामीण इलाकों में लोगों ने उत्साह के साथ मतदान किया है, जिससे संकेत मिलता है कि हम यह सीट भारी अंतर से जीत रहे हैं।

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